दो दिग्गजों से लोहा लेने वाले शेखावत को लोकल से चुनौती

राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की फिल्म आनंद का एक मशहूर डायलॉग है ‘जिंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं’। सियासी जिंदगी में यही डायलॉग केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर सटीक बैठता है। हांलाकि वे छात्र जीवन में ही राजनीति से जुड़ गए थे, लेकिन सही मायने में सक्रिय राजनीति की शुरुआत 2014 से ही हुई। इस एक दशक में वे एकमात्र ऐसे नेता बन गए जिसने करीब पांच दशक से सक्रिय अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे दोनों के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोला। ये दोनों नेता अब अपनी राजनीतिक पारी के ढलान पर हैं जबकि शेखावत तीसरी बार संसद पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं। भाजपा ने उन्हे एक बार फिर जोधपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के नए चेहरे करणसिंह उचियारड़ा से है।

संघ से नजदीकी ने बढ़ाया करियर

मूलतः सीकर जिले के मेहरोली के रहने वाले शेखावत के पिता पीएचईडी में वरिष्ठ पद पर थे, लिहाजा पिता से साथ रहते हुए उनकी प्ररांभिक शिक्षा कई शहरों में हुई। फिर भी जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र की पढ़ाई करते हुए वे राजनीति में भी कूद गए। एबीवीपी के टिकट पर वे 1992 में छात्रसंघ के अध्यक्ष बने। जब विवि से निकले तो उनके पास दर्शनशास्त्र में एमए और एमफिल की डिग्री थी। तब तक वे राष्ट्रीय सेवक संघ से जुड़ चुके थे। मगर राजनति के बजाय नई राह चुनते हुए 1994 में ईस्ट अफ्रीकी देश इथोपिया जाकर खेती करने लगे, लेकिन साथ ही पश्चिमी राजस्थान में संघ के साथ भी सक्रिय रहे। शेखावत अब भी अपना पेशा फर्मिंग ही बताते हैं। हांलाकि इस बीच वे आरएसएस के स्वदेशी जागरण मंच औऱ सीमा जन कल्याण समिति में महासचिव की हैसियत से भी जुड़े रहे। कहा जाता है कि शेखावत ने सीमा जनकल्याण समिति के माध्यम से सीमावर्ती जिलों में कई स्कूल और छात्रावास खुलवाए। वे पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों को बसाने में भी सक्रिय रहे हैं।

पहले चुनाव से ही चुनौती

संघ से जुड़ाव का ही नतीजा था कि 2014 में जोधपुर लोकसभा सीट पर भाजपा का टिकट मिला। जहां उनका मुकाबला जोधपुर राजपरिवार की सदस्य और केंद्रीयमंत्री चंद्रेश कुमारी कटोच से हुआ। शेखावत यह चुनाव सवा चार लाख से ज्यादा वोटों से जीते। सांसद के रुप में पहले कार्यकाल में ही 2017 में वे मोदी सरकार में कृषि राज्यमंत्री भी बन गए। 2019 में अपने दूसरे चुनाव में चर्चित मुकाबले में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को हराकर फिर संसद पहुंचे। अशोक गहलोत खुद इस सीट से 1984, 1991, 1996 और 1998 में सांसद रह चुके थे। दूसरी बार लोकसभा पहुंचे शेखावत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमोट कर जलशक्ति मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बना दिया।

वसुंधरा से अदावत

भाजपा के बड़े चेहरों में गजेंद्र सिंह शेखावत ही वह शख्स हैं जिन्होंने सबसे पहले वसुंधरा राजे से हटकर प्रदेश की राजनीति में अपनी जगह बनानी शुरु की। मोदी अपने पहले कार्यकाल में उन्हे प्रदेश भाजपा की कमान सौंपना चाहते थे, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोध के कारण शेखावत को मौका नहीं मिला। इसके बाद से शेखावत वसुंधरा विरोधी खेमे की धुरी बने रहे। विधानसभा चुनाव के दौरान मारवाड़ में टिकटों का बंटवारा हो या फिर वसुंधरा के गृह जिले धौलपुर में कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा को भाजपा का टिकट दिलाना हो, शेखावत ने बारंबार वसुंधरा राजे को चुनौती दी। पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी का टिकट हो या शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ को टिकट के लिए अंतिम समय तक इंतजार करना पड़ा हो या भाजपा ज्वाइन करने के बाद भी रविन्द्र सिंह भाटी को टिकट नहीं मिलना, मारवाड़ में वही हुआ जो शेखावत चाहते थे।

गहलोत को चुनौती

शेखावत ने पार्टी के अंदर वसुंधरा राजे से लोहा लिया तो पार्टी के बाहर अशोक गहलोत से भी उनकी राजनीतिक रंजिश व्यक्तिगत दुश्मनी से कम नहीं है। 2019 के चुनाव में शेखावत ने गहलोत के बेटे वैभव को बड़े अंतर से शिकस्त दी। मुख्यमंत्री रहते हुए गहलोत ने बेटे के लिए गली-गली धूमकर वोट मांगे, उनके कई मंत्री भी जोधपुर में कैंप किए रहे, लेकिन नाकाम रहे। इसके बाद गहलोत शेखावत की रंजिश सियासी से ज्यादा व्यक्तिगत हो गई। गहलोत संजीवनी क्रडिट कॉपरेटिव सोसाइटी घोटाले में शेखावत पर व्यक्तिगत हमले बोलते रहे। जबाव में शेखावत ने गहलोत के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया। गहलोत शेखावत की रंजिश तब और गहरा गई जब सचिन पायलट के बगावत करने के दैरान विधायकों की खरीदफरोख्त में गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम आया। गहलोत के ओएसडी ने आडियो क्लिप वायरल की जिसमें कथित रूप से गजेंद्र सिंह की आवाज थी। राजस्थान पुलिस की एसओजी ने इस सिलसिले में शेखावत के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर लिया। जवाब में शेखावत ने दिल्ली के तुगलक रोड थाने में गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग का मुकदमा दर्ज करा दिया। गहलोत और शेखावत की अदावत का असर ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट यानि ईआरसीपी पर भी पड़ा। गहलोत इस मामले में शेखावत पर राजस्थान के हितों से खिलवाड़ करने और प्रोजेक्ट को अटकाने का आरोप लगाते रहे और विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश भी की। गहलोत के सत्ता से बाहर होते ही शेखावत ने मध्यप्रदेश के सीएम मोहनयादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा को एक टेबल पर बैठाकर एक ही दिन में समझौता कर दिया।

स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा

लगातार दो बार सेकरण सिंह उचियारड़ा स्थानीयता को मुद्दा उठा रहे हैं हार रही कांग्रेस ने शेखावत को हैटट्रिक बनाने से रोकने के लिए स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा उछाला है। कांग्रेस ने भी यहां से राजपूत प्रत्याशी करणसिंह उचियारड़ा को ही टिकट दिया है। करण सिंह अपने प्रचार में खुद के स्थानीय बताते हुए वोट मांग रहे हैं। शेखावत मूलतः शेखावाटी के हैं और मारवाड़ में कांग्रेस उन्हे बाहरी बता रही है। हांलाकि शेखावत के बाहरी होने का मुद्दा टिकट फाइनल होने के कुछ दिन पहले शेरगढ़ के भाजपा विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने ही उठाया था और आरोप लगाए थे कि शेखावत मीठा तो बोलते हैं पर काम नहीं करते। बाबूसिंह वसुधरा राजे के समर्थक हैं। तीसरी बार टिकट मिलने के बाद शेखावत शेरगढ़ इलाके में गए तो उनके काफिले पर पथराव हुआ। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया तो भाजपा विधायक बाबूसिंह राठौड़ अपनी ही सरकार में पुलिस के खिलाफ धरने पर बैठ गए। बाद में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शेखावत और बाबूसिंह को जयपुर बुलाकर सुलह करवाई, मगर तब तक बाहरी के मुद्दे को कांग्रेस ने लपक लिया। शेखावत अपने और मोदी सरकार के दस साल के कामकाज पर वोट मांग रहे हैं।

राजपूत बहुल सीट है जोधपुर

वैसे जोधपुर लोकसभा सीट के समीकरण शेखावत के पक्ष में नजर आते हैं, क्योंकि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने संसदीय क्षेत्र की 8 में से 7 सीटों पर जीत हासिल की है। कांग्रेस को सिर्फ अशोक गहलोत की सीट पर ही सफलता मिली सकी। राजपूत वोटरों की बहुतायत को देखते हुए भाजपा कांग्रेस दोनों ने इसी वर्ग के प्रत्याशी पर दांव खेला है। जातीय समीकरणों के अनुसार सबसे ज्यादा 4,40,000 राजपूत और चार लाख से ज्यादा दलित हैं। राजपूतों में कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा के समाज की संख्य अच्छी खासी है। तीन लाख से कुछ कम मुस्लिम, 1.8 लाख बिश्नोई, 1.4 लाख ब्राम्हण, 1.3 लाख जाट, एक लाख माली और करीब 70 हजार वैश्य मतदाता हैं।

एक्टिंग छोड़ अब पॉलिटिक्स में दिखेंगी ‘अनुपमा’, रुपाली गांगुली ने किया BJP ज्वाइन
एक्टिंग छोड़ अब पॉलिटिक्स में दिखेंगी ‘अनुपमा’, रुपाली गांगुली ने किया BJP ज्वाइन
By Anjali Soni
Dry Fruits for Vitamin B12: विटामिन बी12 की है कमी, इन ड्राई फ्रूट्स को करें डाइट में शामिल
Dry Fruits for Vitamin B12: विटामिन बी12 की है कमी, इन ड्राई फ्रूट्स को करें डाइट में शामिल
By Preeti Mishra
Cucumber  Side Effects :  सावधान! अत्यधिक खीरा का सेवन कर सकता है आपको बहुत बीमार
Cucumber Side Effects : सावधान! अत्यधिक खीरा का सेवन कर सकता है आपको बहुत बीमार
By Preeti Mishra
Khaskhas Benefits: गर्मियों में खाएं खसखस के बीज, शरीर रहेगा ठंडा
Khaskhas Benefits: गर्मियों में खाएं खसखस के बीज, शरीर रहेगा ठंडा
By Preeti Mishra
Vitamin D Deficiency: इन लक्षणों से पहचाने शरीर में विटामिन डी की कमी को, ऐसे करें दूर
Vitamin D Deficiency: इन लक्षणों से पहचाने शरीर में विटामिन डी की कमी को, ऐसे करें दूर
By Preeti Mishra
Dry Fruits to Avoid in Summer: गर्मियों में भूलकर भी ना करें इन ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानिये क्यों
Dry Fruits to Avoid in Summer: गर्मियों में भूलकर भी ना करें इन ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानिये क्यों
By Preeti Mishra
मांग में सिंदूर लगाए नई-नवेली दुल्हन बन दिखीं आरती सिंह, यहां देखें तस्वीरें
मांग में सिंदूर लगाए नई-नवेली दुल्हन बन दिखीं आरती सिंह, यहां देखें तस्वीरें
By Anjali Soni
इन फिल्मों से बनाया सामंथा रुथ प्रभु ने अपना नाम, जन्मदिन के खास अवसर पर देखें लिस्ट
इन फिल्मों से बनाया सामंथा रुथ प्रभु ने अपना नाम, जन्मदिन के खास अवसर पर देखें लिस्ट
By Anjali Soni
OTT India is the country’s first hybrid Over-The-Top (OTT) Platform, which not only revives original, creative material, but also incorporates digital technology into Indian content.
Download Our Apps
Copyright @2023  All Right Reserved – Designed and Developed by Sortd
एक्टिंग छोड़ अब पॉलिटिक्स में दिखेंगी ‘अनुपमा’, रुपाली गांगुली ने किया BJP ज्वाइन Dry Fruits for Vitamin B12: विटामिन बी12 की है कमी, इन ड्राई फ्रूट्स को करें डाइट में शामिल Cucumber Side Effects : सावधान! अत्यधिक खीरा का सेवन कर सकता है आपको बहुत बीमार Khaskhas Benefits: गर्मियों में खाएं खसखस के बीज, शरीर रहेगा ठंडा Vitamin D Deficiency: इन लक्षणों से पहचाने शरीर में विटामिन डी की कमी को, ऐसे करें दूर Dry Fruits to Avoid in Summer: गर्मियों में भूलकर भी ना करें इन ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानिये क्यों मांग में सिंदूर लगाए नई-नवेली दुल्हन बन दिखीं आरती सिंह, यहां देखें तस्वीरें इन फिल्मों से बनाया सामंथा रुथ प्रभु ने अपना नाम, जन्मदिन के खास अवसर पर देखें लिस्ट