Lok Sabha Election 2024: Aurangabad Seat बिहार के औरंगाबाद में BJP और RJD में सीधी टक्कर, सीट नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस बिगाड़ सकती है खेल

औरंगाबाद

Lok Sabha Election 2024 Aurangabad Seat: औरंगाबाद में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। यहां पहले फेज में यानी 19 अप्रैल को मतदान होना है। सभी दलों के रण बांकुड़े चुनावी मैदान में कूद चुके हैं। औरंगाबाद में इसबार सीधी लड़ाई बीजेपी और आरजेडी में है। उधर सीट नहीं मिलने  पर नाराज कांग्रेस राजद को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि औरंगाबाद में चुनावी जंग में उतरा हर  प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहा है|

तो आईए जानते हैं कौन होगा औरंगाबाद का सांसद

देश की राजनीति में औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र का खास महत्व है। मिनी चितौड़गढ़ के नाम से चर्चित औरंगाबाद लोकसभा सीट हमेशा से राजनीति के दो घरानों के इर्द गिर्द घुमता रहा है। 1989 से पहले इस सीट पर बिहार विभूति , बिहार के पहले उप मुख्यमंत्री अनुग्रह नारायण सिंह के बेटे छोटे साहब के नाम से प्रसिद्ध , बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा का कब्जा था। लेकिन 1989 के चुनाव में उन्हीं के सिपहसलार रहे राम नरेश सिंह उर्फ लुटन सिंह ने जनता दल के उम्मीदवार के रूप में ताल ठोकी और छोटे साहब की पुत्रवधु श्यामा सिंह को शिकस्त दे दी।  वैसे तो औरंगाबाद एक जमाने में कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। सत्येन्द्र नारयण सिन्हा सबसे ज्यादा यानी 7 बार यहां से सांसद रहे। लेकिन कांग्रेस के गढ़ पर आजकल भाजपा का कब्जा है औऱ लुटन सिंह  के पुत्र सुशील सिंह मौजूदा सांसद हैं।

औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की समस्याएं

नक्सल प्रभावित औरंगाबाद भी बिहार के अन्य जिलों की तरह विकास की बाट जोह रहा है। अधूरी उत्तर कोयल नहर परियोजना और नक्सल समस्या यहां की बड़ी समस्या है इसके अलावा नवी नगर प्रखंड को अनुंडल बनाने और सूखे की समस्या यहां की बड़ी समस्या है। लेकिन जनता के सवालों और मुद्दों पर चुनाव कहां होते हैं । हर बार जातीय समीकरण के बल पर चुनाव लड़े और जीते जाते हैं।

यह भी पढ़ें : Loksabha Election 2024 Rajasthan : राजस्थान में आज सियासी सैटरडे…कहां जुटेंगे पीएम मोदी सहित भाजपा-कांग्रेस के दिग्गज ?

क्या है औरंगाबाद का जातीय समीकरण

औरंगाबाद  लोकसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यह क्षेत्र राजपूत जाति के वोटरों के दबदबे वाला क्षेत्र माना जाता है। औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र में राजपूत वोटरों की संख्या लगभग ढ़ाई लाख है तो यादवों की संख्या डेढ़ से दो लाख है। मुस्लिम वोटर एक लाख पच्चीस हजार हैं तो कुशवाहा जाति के वोटरों की संख्या भी एक लाख पच्चीस हजार है ,इस क्षेत्र में भूमिहार डेढ़ लाख है तो अति पिछड़ी जातियों के वोटरों की संख्या लगभग तीन लाख है। औरंगाबाद में जातिगत समीकरण चाहे जो भी हो इस सीट के साथ यह रिकार्ड 1952 के बाद से बरकरार है कि इस सीट से हमेशा कोई राजपूत प्रत्याशी ही जीतता रहा है। इसीलिए इस सीट को मिनी चितौड़गढ़ कहा जाता है।

6 विधानसभा सीटों वाला है औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र

छ- विधानसभा क्षेत्र –कुटुंबा, औरंगाबाद , रफीगंज, गुरूआ, इमामगंज और टिकारी शामिल हैं। इनमें से चार पर महागठबंधन और दो पर एनडीए का कब्जा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव को देखें तो पिछली बार तीन निर्दलीय समेत कुल 9 उम्मीदवार मैदान में थे । मुख्य मुकाबला भाजपा के सुशील सिंह और महागठबंधन के प्रत्याशी हम पार्टी के नेता उपेन्द्र प्रसाद के बीच था। कांग्रेस के कद्दावर नेता छोटे साहब के बेटे निखिल कुमार सिन्हा को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था जिससे निखिल बाबू नाराज हो गए और कांग्रेस वोटरों में बिखराव हो गया। भाजपा नेता सुशील सिंह ने चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी। बिहार में मिनी चित्तौड़गढ़ कहे जाने वाले औरंगाबाद में सुशील कुमार सिंह इस बार भी भाजपा के प्रत्याशी हैं। पिछले तीन चुनावों से वे यहां जीत रहे और इस बार चौथी जीत के लिए मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

हर बार महागठबंधन के प्रत्याशी बदलने से लोग असमंजस में

दरअसल औरंगाबाद में 2024 का मुकाबला फिलहाल एकतरफा दिख रहा है। सुशील सिंह के मुकाबले में इंडिया गठबंधन की ओर से जो प्रत्याशी हैं वे नए हैं। असल में क्षेत्र में चर्चा जोरों पर है कि महागठबंधन हर बार यहां प्रत्याशी बदल देता है। इसको लेकर क्षेत्र की जनता कन्फ्यूज हो जाती है।

इस बार भी राजद ने टिकटों के आपसी बंटवारे से पहले ही जदयू छोड़कर आए अभय कुशवाहा को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। पहले से कयास लगाए जा रहे थे कि यह सीट कांग्रेस के खाते में जाएगा और निखिल सिन्हा यहां से प्रत्याशी होंगे लेकिन निखिल कुमार आस लगाए बैठे रहे गए और राजद ने अपना कैंडिडेट घोषित कर कांग्रेस को सकते में डाल दिया। इसके पहले वर्ष 2019 में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा से उपेंद्र प्रसाद आखिरी क्षण में प्रत्याशी घोषित हुए थे। 2014 में कांग्रेस से निखिल कुमार थे। 2009 में राजद और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़े थे, तब भी विजेता सुशील कुमार सिंह ही थे।

भाकपा माले और कांग्रेस कर हो सकते है भीतरघात

अब औरंगाबाद सीट पर नया इतिहास लिखने के लिए राजद ने नया दांव खेला है। लेकिन उपेन्द्र प्रसाद जो पिछली बार सुशील सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में थे इस बार वे भाजपा में शामिल हो गए हैं और जाहिर है सुशील सिंह के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। उपेन्द्र प्रसाद ने पिछले चुनाव में अपनी ताकत दिखाई थी। इसबार उनका जो जनाधार है वह भाजपा के पक्ष में खड़ा रहेगा। उधर राजद के जो प्रत्याशी है वे जदयू छोड़कर गए हैं तो जदयू इस बार उनके खिलाफ बड़ी गोलबंदी करेगा। कांग्रेस के निखिल कुमार नाराज हैं इसलिए चुनाव में या तो चुप बैठेंगे या फिर भीतरघात करेंगे। एक और बात नक्सल प्रभावित इस इलाके में भाकपा माले का भी जनाधार है । माले भी इस सीट पर आस लगाए बैठी थी। अब देखना होगा कि क्या भाकपा माले राजद के प्रत्याशी के पक्ष में वोटों की गोलबंदी करेगा या कोई दूसरा खेल होगा।

यह भी पढ़ें : Lottery Admission: राजस्थान के प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू, ऐसे करें आवेदन

एक्टिंग छोड़ अब पॉलिटिक्स में दिखेंगी ‘अनुपमा’, रुपाली गांगुली ने किया BJP ज्वाइन
एक्टिंग छोड़ अब पॉलिटिक्स में दिखेंगी ‘अनुपमा’, रुपाली गांगुली ने किया BJP ज्वाइन
By Anjali Soni
Dry Fruits for Vitamin B12: विटामिन बी12 की है कमी, इन ड्राई फ्रूट्स को करें डाइट में शामिल
Dry Fruits for Vitamin B12: विटामिन बी12 की है कमी, इन ड्राई फ्रूट्स को करें डाइट में शामिल
By Preeti Mishra
Cucumber  Side Effects :  सावधान! अत्यधिक खीरा का सेवन कर सकता है आपको बहुत बीमार
Cucumber Side Effects : सावधान! अत्यधिक खीरा का सेवन कर सकता है आपको बहुत बीमार
By Preeti Mishra
Khaskhas Benefits: गर्मियों में खाएं खसखस के बीज, शरीर रहेगा ठंडा
Khaskhas Benefits: गर्मियों में खाएं खसखस के बीज, शरीर रहेगा ठंडा
By Preeti Mishra
Vitamin D Deficiency: इन लक्षणों से पहचाने शरीर में विटामिन डी की कमी को, ऐसे करें दूर
Vitamin D Deficiency: इन लक्षणों से पहचाने शरीर में विटामिन डी की कमी को, ऐसे करें दूर
By Preeti Mishra
Dry Fruits to Avoid in Summer: गर्मियों में भूलकर भी ना करें इन ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानिये क्यों
Dry Fruits to Avoid in Summer: गर्मियों में भूलकर भी ना करें इन ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानिये क्यों
By Preeti Mishra
मांग में सिंदूर लगाए नई-नवेली दुल्हन बन दिखीं आरती सिंह, यहां देखें तस्वीरें
मांग में सिंदूर लगाए नई-नवेली दुल्हन बन दिखीं आरती सिंह, यहां देखें तस्वीरें
By Anjali Soni
इन फिल्मों से बनाया सामंथा रुथ प्रभु ने अपना नाम, जन्मदिन के खास अवसर पर देखें लिस्ट
इन फिल्मों से बनाया सामंथा रुथ प्रभु ने अपना नाम, जन्मदिन के खास अवसर पर देखें लिस्ट
By Anjali Soni
OTT India is the country’s first hybrid Over-The-Top (OTT) Platform, which not only revives original, creative material, but also incorporates digital technology into Indian content.
Download Our Apps
Copyright @2023  All Right Reserved – Designed and Developed by Sortd
एक्टिंग छोड़ अब पॉलिटिक्स में दिखेंगी ‘अनुपमा’, रुपाली गांगुली ने किया BJP ज्वाइन Dry Fruits for Vitamin B12: विटामिन बी12 की है कमी, इन ड्राई फ्रूट्स को करें डाइट में शामिल Cucumber Side Effects : सावधान! अत्यधिक खीरा का सेवन कर सकता है आपको बहुत बीमार Khaskhas Benefits: गर्मियों में खाएं खसखस के बीज, शरीर रहेगा ठंडा Vitamin D Deficiency: इन लक्षणों से पहचाने शरीर में विटामिन डी की कमी को, ऐसे करें दूर Dry Fruits to Avoid in Summer: गर्मियों में भूलकर भी ना करें इन ड्राई फ्रूट्स का सेवन, जानिये क्यों मांग में सिंदूर लगाए नई-नवेली दुल्हन बन दिखीं आरती सिंह, यहां देखें तस्वीरें इन फिल्मों से बनाया सामंथा रुथ प्रभु ने अपना नाम, जन्मदिन के खास अवसर पर देखें लिस्ट